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क्या वाक्य ही नी रिप्लेसमेंट सर्जरी से किया जा सकता है घुटनों से जुड़ी समस्याओं का सटीक इलाज ?

व्यक्ति के शरीर का घुटना एक ऐसा जोड़ होता है, जिस पर सबसे अधिक दबाव पड़ता है | इसलिए घुटनो के जोड़ शरीर के लिए बेहद महतवपूर्ण होते है | जब घुटनो के काम करने की क्षमता कम हो जाती है, तो इसकी वजह से व्यक्ति को चलने-फिरने, उठाने-बैठने और रोज़मर्रा कार्य को करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है | इन्ही कारणों की वजह से स्वास्थ्य सेवन प्रदाता इस समस्या के इलाज के लिए मरीज़ को नी रिप्लेसमेंट सर्जरी को करवाने की सलाह देते है | 

 

अब अगर बात करें की क्या नी रिप्लेसमेंट सर्जरी से किया जा सकता है घुटनो से जुड़ी समस्या का सटीक इलाज, तो यह बात बिलकुल सही की नी रिप्लेसमेंट सर्जरीके माध्यम घुटनो का सटीकता से इलाज किया जा सकता है |  नी रिप्लेसमेंट सर्जरी एक ऐसी सर्जिकल प्रक्रिया में जिसमें डॉक्टर मरीज़ के खराब घुटनो के हिस्से को बदल देते है | नी रिप्लेसमेंट सर्जरी को पूर्ण और आंशिक रूप से किया जा सकता है, क्योंकि सर्जरी को कितने हिस्से में करना है, यह पूर्ण रूप से घुटनो की स्थिति पर ही निर्भर करता है | आइये जानते है नी रिप्लेसमेंट सर्जरी करवाने से कौन-कौन से लाभ प्राप्त हो सकते है :- 

नी रिप्लेसमेंट सर्जरी करवाने के क्या-क्या फायदे है ? 

 

नी रिप्लेसमेंट सर्जरी एक लेटेस्ट और एडवांस सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से घुटनो के ख़राब हिस्से को बदल दिया जाता है | आइये जानते है इस सर्जरी मरीज़ को कौन-कौन से फायदे मिल सकते है :-

 

  • घुटनों में दर्द की समस्या का कम होना :- नी रिप्लेसमेंट सर्जरी को करवाने के बाद घुटनों में दर्द की समस्या बिल्कुल ही कम हो जाती है | यदि आपको चलने, फिरने, उठने, बैठने और खड़े होने के समय घुटनो में दर्द का अनुभव होता है तो नी रिप्लेसमेंट सर्जरी को करवाने से बेहतर विकल्प और कोई भी नहीं है |     


  • पैरो की चाल का बेहतर होना :- घुटनो की जोड़े शरीर का सबसे महतवपूर्ण अंग होता है, इसलिए इनमें किसी कारण वर्ष चोट लगने से, उस व्यक्ति के दैनिक जीवनशैली में काफी बुरा प्रभाव पड़ सकता है | लेकिन नी रिप्लेसमेंट सर्जरी करवाने के बाद पीड़ित मरीज़ के पैरों की चाल काफी बेहतर हो सकती है |   


  • काट या फिर छोटा सा चीरा लगता है :- नी रिप्लेसमेंट सर्जरी के दौरान मरीज़ के घुटनो में छोटा सा ही चीरा लगाया जाता है | फिर सर्जरी के बाद इस चीरा को टांको की मदद से सील दिया जाता है | चीरा काफी छोटा होने की वजह से वह जल्दी ठीक हो जाता है और जख्म होने का जोखिम कारक बिलकुल भी नहीं रहता है | 


  • दर्द का अनुभव नहीं होता :- यह सर्जरी रोबर्ट के माध्यम से किया जाता है, इसलिए सर्जरी के दौरान मरीज़ को किसी भी प्रकार के दर्द से नहीं गुजरना पड़ता | 


  • ब्लीडिंग नहीं होती :- छोटे से कट होने के कारण सर्जरी के दौरान बिलकुल भी ब्लीडिंग नहीं होती | 

 

  • जटिलताओं की संभावना शून्य होती है :- नी रिप्लेसमेंट सर्जरी दौरान मरीज़ के घुटनो में छोटा सा चीरा लगता है और ब्लीडिंग भी बिलकुल नहीं होती, इसलिए इस सर्जरी के बाद जटिलताओं की संभावना भी शून्य होती है |    


  • मरीज़ जल्दी रिकवर कर जाता है :- नी रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद मरीज़ जल्दी रिकवर कर जाता है, यह सर्जिकल प्रक्रिया को करने में केवल एक दिन ही लगता है, इसलिए मरीज़ को अस्पताल में दाखिला लेने की ज़रुरत नहीं पड़ती, वह सर्जरी को करवाने के बाद सीधा घर जा सकता है |  


  • परिणाम काफी बेहतर होते है :- नी रिप्लेसमेंट सर्जरी को कराने बाद, इससे मिले परिणाम पीड़ित मरीज़ों के लिए  संतोषजनक होते है | सर्जरी के बाद मरीज़ अच्छे से चल-फिर और अपने रोज़मरा कामों को आसानी से कर सकता है | 

यदि आप में कोई भी व्यक्ति घुटनों से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या से जूझ रहा है और स्थायी रूप से इलाज करवाना चाहता तो इसमें हुंजन हॉस्पिटल आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था के सीनियर कंसलटेंट बलवंत सिंह हुंजन ओर्थोपेडिक्स में स्पेशलिस्ट है जो पिछले 32 सालों से पीड़ित मरीज़ों का सटीकता से इलाज कर रहे है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही हुंजन हॉस्पिटल नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मेंट करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से सपर्क कर सकते है |   

 

       

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