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स्लिप डिस्क क्या होता है, इसके मुख्य लक्षण, कारण और एक्सपर्ट्स से जाने कैसे किया जाता है इलाज ?

आजकल की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी के कारण बहुत से लोग स्लिप डिस्क के शिकार होते जा रहे है | जिसकी वजह से इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति को कई तरह के समस्याओं से गुजरना पड़ जाता है | सबसे अधिक समस्या उन व्यक्ति को तब होती है, जब उन्हें काफी समय के लिए एक ही स्थान पर बैठना पड़ जाता है, जो पीठ दर्द और गर्दन में दर्द का कारण बनते है | आइये जानते है स्लीप डिस्क के बारे में विस्तारपूर्ण से :-

स्लिप डिस्क क्या होता है ? 

हुंजन हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर बलवंत सिंह हुंजन ने यह बताया कि स्लिप डिस्क को कई मामलों में साइटिका के नाम से भी जाना जाता है | यह बीमारी होने पर पीड़ित व्यक्ति के रीढ़ की हड्डी के बीच में मौजूद जो एक डिस्क या फिर जेल की तरह होती है, यदि किन्ही कारणों से यह डिस्क अपनी जगह से हिल जाता है तो उस स्थिति को स्लिप डिस्क की समस्या कहा जाता है | आमतौर पर यह डिक्स का काम शॉक्स आब्जर्वर का होता है, इसका मतलब यह हुआ की जब अधिक वजन का भर पड़ता है तो यह डिस्क उस भार को खुद पर ले लेता है | यह डिस्क के व्यक्ति के शरीर को दाएं-बाएं और झुकने में मदद करता है | उम्र बढ़ने या फिर गंभीर चोट लगने से डिस्क का लचीलापन काफी कम होने लग जाता है, जिसकी वजह से डिस्क में मौजूद पानी-द्रव कम होने लग जाता है | आइये जानते है साइटिका क्या होता है :- 

 

क्या होता है साइटिका ? 

बढ़ती उम्र में या फिर चोट लगना या फिर भारी सामान उठाने से डिस्क अपनी जगा से हिल जाता है या फिर हट जाता है तो   उससे रीढ़ की हड्डी के बीच से होकर गुजरने वाली नस दब जाती है, जिसकी वजह से पीड़ित व्यक्ति को तीव्र दर्द का अनुभव होता है, इसी दर्द को साइटिका कहा जाता है | हालांकि यह दर्द कुछ लोगों को उनके पैरों में महसूस होने लग जाता है, तो कुछ लोगों को उनके घुटनो में | इस बिम्मरि को गद्दी घीसकने के नाम से भी जाना जाता है | 

 

कैसे करें स्लिप डिस्क से बचाव ? 

यदि कोई भी व्यक्ति स्पाइनल से जुड़ी समस्या जैसे की स्लिप डिस्क, साइटिका या फिर कमर में हो रहे दर्द से परेशान है तो उस व्यक्ति के लिए बेहतर यही है की वह अपने रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें | इसके लिए आप संतुलित भोजन को अपना सकते है, जिसके लिए आपको अपने डाइट में पौष्टिक तत्वों शमिल करना चाहिए | नुट्रिएंट्स, विटामिन बी 11, विटामिन बी 12 और विटामिन डी का भी सेवन ज़रूर करें | अपने वजन को नियमित रूप में रखें, क्योंकि वजह बढ़ने से भी डिस्क अपनी जगह से घिसक सकती है, जिसकी वजह से आपको चलने-फिरने और उठने-बैठने में परेशानी हो सकती है | आइये जानते है ऐसी सावधानियों के बारे में, जो स्लिप डिस्क की समस्या से पड़ने वाले प्रभावों कम करने में मदद करता     है  :- 

 

स्लिप डिस्क से बचाव के लिए कुछ सावधानियां 

 

  • मोटापे को नियमित रूप से कम करें |  
  • संतुलित भोजन का सेवन करें | 
  • ध्यान से सीढियाँ चढ़ें 
  • अधिक वजनदार सामान को बिल्कुल भी न उठाये 
  • मध्य गति वाली एक्सरसाइज करते रहें  
  • अपने शरीर को लचीला बनाने के लिए रोज़ाना योगासन को अभ्यास करें | 

 

डॉक्टर के पास कब जाएं ? 

कमर दर्द, पैरों में दर्द और घुटनों में दर्द से पीड़ित व्यक्ति को डॉक्टरी सलाह तब लेनी चाहिए, जब इस समस्या से आप एक सप्ताह से भी अधिक समय से लगातार जूझ रहे है और कई तरह के घरेलू उपचार को अपनाने के बाद भी आपकी स्थिति पर किसी भी प्रकार का सुधर नहीं आ रहा है | हर कमर दर्द के इलाज के लिए डॉक्टरी सलाह की ज़रुरत नहीं होती, लेकिन अगर आप निम्नलिखित लक्षण से गुजर रहे है तो इसके इलाज के लिए आपको डॉक्टरी सलाह की ज़रुरत पड़ सकती है, जिनमें शामिल है :- 

 

  • आराम करने के बाद भी कमर दर्द नहीं जा रहा, बल्कि बढ़ते ही जा रहा है | 
  • कमर से लेकर पैरों तक तीव्र दर्द होना 
  • पैरों में झुनझुनी होने का अनुभव होना  
  • कोई भी जोड़ों में दर्द को आपके रोज़ाना जीवनशैली को प्रभावित कर रहे है, इलाज के लिए डॉक्टर के पास जाएं | 

एक्सपर्ट्स का मानना है की 80 प्रतिशत मामले ऐसे होते है, जिसमें केवल लगातार एक्सरसाइज करने के कुछ ही दिनों बाद शरीर से दर्द अपने आप चले जाता है | लेकिन जो दर्द एक सप्ताह से अधिक समय से आपको परेशान कर रहा है तो बेहतर यही है कि इलाज के लिए आप डॉक्टर के पास जाएं | 

 

स्लिप डिस्क के मुख्य लक्षण क्या है ? 

डॉक्टर बलवंत सिंह हुंजन ने यह बताया कि इस बीमारी से जुड़े कुछ गंभीर लक्षण ऐसे भी होते है, जिससे पीड़ित व्यक्ति को जल्द से जल्द डॉक्टर से इलाज करवाने की ज़रुरत पड़ सकती है | जब रीढ़ की हड्डी के बीच से गुजरने वाली नस पर अधिक दबाव पड़ने लग जाता है तो इसकी वजह से पैरों या फिर घुटनों में तीव्र दर्द होने लग जाता है | इसके अलावा एड़ी का चलना बंद होना, एड़ी का सुन्न होना, यूरिन को नियंत्रित करने में परेशानी होना या फिर पेशाब को करने में परेशानी होना या फिर पेशाबी का रुक जाना आदि लक्षण दिखाई दे सकते है | हालांकि यह लक्षण बहुत कम लोगों में देखने को मिलता है | यदि आप में से कोई भी व्यक्ति इस प्रकार के लक्षण से गुजर रहा तो इलाज के लिए तुरंत डॉक्टर क्र पास जाएं | 

 

स्लिप डिस्क को बिलकुल भी नज़रअंदाज़ न करें 

स्लिप डिस्क रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य से जुडी एक गंभीर बीमारी है, जिसका सही समय इलाज करवाना पीड़ित व्यक्ति के लिए बहुत ज़रूरी होता है, क्योंकि स्थिति गंभीर होने पर इसके इलाज के लिए सर्जरी को करवाने तक की ज़रुरत पड़ सकती है | यदि पीड़ित भी व्यक्ति इसके लक्षणों को गलती से नज़रअंदाज़ कर देता है तो उस व्यक्ति में पेशाब करने में परेशानी होने वाले लक्षण दिखाई दे सकते है या फिर उनके पैर में हमेशा से कमज़ोरी भी रह सकती है | ऐसे में यह बहुत ज़रूरी है की यदि आपको स्लिप डिस्क से जुड़े किसी भी तरह के गंभीर लक्षण दिखाई दे रहा है तो इलाज के लिए तुरंत डॉक्टर के पास जाएं | इलाज के लिए आप डॉक्टर बलवंत सिंह हुंजन से भी मिल सकते है | 

 

हुंजन हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर बलवंत सिंह हुंजन पंजाब के बेहतरीन ऑर्थोपेडिक्स में से एक है, जो पिछले 32 सालों से ऑर्थोपेडिक से जुडी समस्यों से पीड़ित मरीज़ों का सटीकता से इलाज कर रहे है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही हुंजन हॉस्पिटल  की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं और अपनी नियुक्ति को बुक करें | इसके अलावा आप चाहे तो वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से संपर्क कर सीधा संस्था से  बात कर सकते है |