नाबालिगों के जोड़ों में दर्द और सूजन होने के शुरूआती संकेत और लक्षण क्या होते है ?

जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस, नाबालिगों और वयस्कों में होने वाला सबसे आम किस्म का अर्थराइटिस होता है | यह आमतौर पर हाथों, घुटनों, पैर के टखनों, कोहनी या फिर कलाई के जोड़ों में सूजन और दर्द का कारण बनते है | इसके साथ ही यह शरीर के अन्य भागों को भी काफी हद तक प्रभावित कर देती है | जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस को पहले जुवेनाइल रूमेटाइड अर्थराइटिस के नाम से जाना जाता था, क्योंकि यह वयस्कों में होने वाली बीमारी बच्चों के संस्करण वाला नहीं होता है, इसलिए इसका नाम बदल दिया गया था | “जुवेनाइल अर्थराइटिस” शब्द का इस्तेमाल उन सभी जोड़ों से जुडी स्थिति का वर्णन करने के लिए जाता है, जो नाबालिगों और वयस्कों दोनों को प्रभावित कर सकती है |
जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस एक प्रकार का ऑटोइम्म्युन और आउटइंफ्लामेन्ट्री से जुड़ा रोग होता है | इस मतलब यह हुआ की प्रतिरक्षा प्रणाली, जो शरीर में मौजूद कीटाणुओं और वायरस जैसे आक्रमणकारियों से लड़ने का कार्य करती है, वह भ्रमित हो जाते है और शरीर में मौजूद ऊतकों पर हमला करने लग जाते है | इसके अलावा यह शरीर में सूजन का कारण बनते है, जो जोड़ों के चारों ओर बने ऊतक अस्तर पर हमला करने लग जाते है, जिनका काम ऐसे तरल पदाथ का उत्पादन करना होता है, जो चलन में आसानी और जोड़ों को कुशन करने में मदद करता है | सिनोवियम के जोड़ में आये सूजन से, दर्द या फिर कोमलता का महसूस हो सकता है, जिससे यह लाल और सुजा हुआ लग सकता है और हिलने-जुलने में परेशानी हो सकती है | आइये जानते है जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस के मुख्य लक्षण कौन-से है :-
जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस के मुख्य लक्षण
- शरीर के जोड़ों में सूजन, दर्द और अकड़न होना
- लंबे समय तक एक ही स्थिति में सोने से जोड़ों में अकड़न और दर्द का अनुभव होना |
- आंखों में धुंधलापन आना, लालिमा, दर्द का अनुभव या फिर चमकदार रोशनी देखने परेशानी होना
- त्वचा में लाल धब्बेदार और चकत्ते वाले दाने का उत्पन्न होना
- बुखार का होना
- अधिक थकान या फिर कमज़ोरी महसूस होना
- भूख न लगना
बच्चों में होने वाले जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस के विशिष्ट प्रकार
- आलिगोअर्थराइटिस :- यह अर्थराइटिस चार या फिर उससे भी अधिक जोड़ों को प्रभावित कर सकता है, खासकर शरीर में मौजूद बड़े जोड़ों को जैसे की घुटने, पैर के टखने और कोहनी आदि | यह जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस का सबसे आम उपप्रकार होता है |
- पॉलीअर्थराइटिस :- दरअसल यह एक गठिया का रूप होता है, जिसे पॉलीआर्टिकुलर गठिया के नाम से भी जाना जाता है | यह बीमारी घुटनों को गंभीर रूप से ग्रस्त कर सकता है | पॉलीअर्थराइटिस से जोड़ों में सूजन और फ्रैक्चर की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है |
- प्रणालीगत :- प्रणालीगत का मतलब है, शरीर के किसी विशिष्ट अंग या फिर जोड़ को प्रभावित करने के बजाए, पूरे शरीर को प्रभावित करना | इसके लक्षणों में तेज़ भुखार शामिल हो सकता है, जिसमें शरीर का तापमान 103 °F या फिर इससे भी अधिक होता है और यह दो सप्ताह या फिर उससे भी अधिक समय तक रह सकता है |
- सोरियाटिक गठिया :- यह गठिया तब होता है, जब आपके शरीर में मौजूद प्रतिरक्षा प्रणाली भ्रमित हो जाता है और स्वस्थ कोशिकाओं और ऊतकों पर हमला करने लग जाता है | इस बीमारी के लक्षण में आपको जोड़ों के साथ-साथ कानों के पीछे या फिर पलकों, कोहनी, घुटनों, नाभि और खोपड़ी पर पपड़ीदार दाने दिखाई दे सकता है | इस अलावा ये बीमारी एक या फिर एक से अधिक जोड़ों को एकसाथ प्रभावित कर सकती है |
- एन्थेसाइटिस-संबंधी :- इस अर्थराइटिस को स्पोंडिलोअर्थराइटिस के नाम से भी जाना जाता है | यह आमतौर पर शरीर के उस हिस्से को प्रभावित करता है, जहाँ मांसपेशियां, स्नायुबंधन या फिर टेंडन हड्डी से जुडते है | ज्यादातर मामलों में यह अर्थराइटिस कूल्हे, घुटनों और पैरों को सबसे अधिक प्रभावित करते है, लेकिन यह उंगलियां, कोहनी, श्रोणि, छाती, पाचन तंत्र और पीठ के निचले को भी प्रभावित करने के सक्षम होते है | यह अर्थराइटिस लड़कों में, जिनकी उम्र आठ से 15 है, उनमें सबसे अधिक दिखयी दे सकते है |
जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस होने के मुख्य कारण
जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस होने के सही और मुख्य कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन कुछ कारकों से यह बीमारी होने की पुष्टि की जा सकती है, जिसमें शामिल है :-
- जीआईए एक प्रकार की ऑटोइम्म्युन बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली भ्रमित होकर जोड़ों पर हमला कर देती है |
- जीआईए अनुवांशिक, संक्रमण और पर्यावरण के कारकों से उत्पन्न हो सकता है |
- एक्सपर्ट्स का मानना है कि एक ही परिवार में दो लोगों को जीआईए होने की संभावना बहुत कम होती है |
जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस से कैसे पाएं निदान ?
जीआईए का उपचार इसके प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है, क्योंकि हर बीमारी के लक्षण विभिन्न होते है | यदि आप एक अच्छी योजना में स्वस्थ जीवनशैली की आदतें को शामिल करते है तो इससे इस समस्या को कम करने में मदद मिल सकती है | यदि यह सब करने के बावजूद आपकी स्थिति पर किसी भी प्रकार का सुधार नहीं आ रहा है तो बिना समय को गवाएं तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और अपना इलाज करवाएं |
इलाज के लिए आप हुंजन हॉस्पिटल से भी परामर्श कर सकते है | इस संस्था में मौजूद डॉक्टर्स पंजाब के बेहतरीन ऑर्थोपेडिक्स में से एक है, जो पिछले 32 वर्षों से पीड़ित मरीज़ों का सटीकता से इलाज करने में मदद कर रहे है | इसलिए आज ही हुंजन हॉस्पिटल की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट में मौजूद नंबरों से संपर्क कर अपनी नियुक्ति की बुकिंग करवा सकते है |
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